मध्यप्रदेश के किसान राहुल भैया से पूछे मुख्यमंत्री कब बदलेंगे: शंकर लालवानी

इंदौर. आज भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी शंकर ललवानी ने सांवेर विधानसभा के वरिष्ठ नेता देवराजसिंह परिहार, पूर्व विधायक राजेश सोनकर, सावन सोनकर, कमल वाघेला, दिलीपसिंह पंवार, ओम दांगी, सुभाष चौधरी, भगवान परमार मुकेश चौहान, माँ नर्मदा मंडल खुड़ैल के अध्यक्ष महेश ठेकेदार, अश्विन पटेल की उपस्थिति में ग्राम पिवडाय से जनसंपर्क की शुरुवात की, हनुमान मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना कर चौपालों पर से भाजपा को जिताने की अपील की।

भाजपा लोकसभा प्रत्याशी श्री शंकर लालवानी ने सेमल्या चाऊ में चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 10 दिनों में कर्जमाफी की बात पर लोगों के वोट लिए थे, राहुल गांधी उंगली पकड़ कर 1 से लेकर 10 तक कि गिनती गिनते थे और कहते थे कि 10 दिन में कर्ज माफ़ नही तो मुख्यमंत्री बदल दूंगा, लेकिन कर्जमाफी हुई नहीं और किसानों को बैंकों के नोटिस आने लगे। और तो और प्रदेश के किसानो को गुमराह करने के लिए शिवराजसिंह को कृषि विभाग की सूची थमा कर आ गए, जब शिवराजजी ने बैंक की सूची दिखाने का बोला तो उलटे पैर वापस आ गए।

मध्यप्रदेश के किसानों को राहुल गांधी से पूछना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री कब बदल रहे है? कांग्रेस की सरकार ने 4 महीनों में प्रदेश को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिजली के बिल हॉफ करने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के बाद बिजली की सप्लाई ही साफ कर दी। ये खुद कुछ करते नहीं, केंद्र सरकार किसानों के खातों में जो राशि डालना चाहती है, उसमें भी अड़ंगा डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छोटे किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन देगी, ताकि वे बुढ़ापे में भी सम्मान का जीवन जी सके।

पूर्व विधायक राजेश सोनकर ने कहा कि प्रदेश का किसान परेशान हैं। उनका गेहूं बिक नही रहा है। अनाज तुल नहीं रहा है। किसान अनाज मंडी केंद्रों पर गर्मी और धूप में परेशान हो रहे हैं। लेकिन प्रदेश सरकार का एक भी मंत्री किसानों की सुध नही ले रहा, हमारी भावान्तर योजना इस सरकार ने बंद कर दी। प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसानों की सुन नहीं रही है। गरीबों का निवाला तक यह सरकार ने छीन लिया है। एक समय जब प्रदेश में ओला, पाला पड़ता था, तो किसान पुत्र शिवराज मामा को नींद नही आती थी, चौपट फसलों को देख कर उनके आंसू निकल जाते थे, लेकिन अब किसानों की हमदर्द सरकार नही रही अब तो सरकार में केवल तबादला उद्योग चल रहा है।

इस अवसर पर मोहन पटेल, चंद्रशेखर चौधरी, कालू पटेल, अकलीम भाई, जितेंद्र पटेल, पुलकितसिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता साथ चल रहे थे । जनसंपर्क ग्राम पिवड़ाय से प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात कम्पेल, तेल्याखेडी, पेडमी, खण्डेल, शिवनी,डबल चौकी, फली, अरिन्या फाटा, बावल्याखुर्द,काजी पलासिया, खुडेल बुजर्ग, मुंडला, खुडेल खुर्द, रामूखेडी, आख्या, गारिया, सेमल्याचाऊ, बरोदा दौलत, बुरानाखेडी, जगमाल पिपल्या, बिसाखेडी, कदवाली खुर्द, कदवाली बुजुर्ग, सुल्लाखेडी, डकाच्या, अर्जुन बरोदा, क्षिप्रा, बरलाई, हतुनिया, कदवा, पटवा, ब्राहम्ण पिपल्या, टोडी, खाकरोड, रामपिपल्या, गारी पिपल्या, मांगलिया में समापन हुआ।

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